डेंगू के बढ़ते मामलों पर हरियाणा सरकार सख्त, डेंगू टेस्ट के रेट तय, सरकारी अस्पतालों में टेस्ट होंगे फ्री
हरियाणा में डेंगू को लेकर सरकार सख्त हुई है। सरकारी अस्पतालों में जांच और प्लेटलेट्स मुफ्त मिलेंगे, प्राइवेट में अधिकतम 600 रुपये तक ही चार्ज लिया जाएगा। नियम तोड़ने पर कार्रवाई तय।

हरियाणा में लगातार हो रही बारिश के कारण जलभराव की स्थिति बन गई है, जिससे डेंगू का खतरा काफी बढ़ गया है। इसे देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई को “डेंगू विरोधी माह” घोषित कर दिया है और पूरे महीने जागरूकता व रोकथाम अभियान चलाने का फैसला लिया है।
इस अभियान के तहत, हर रविवार को “सूखा दिवस” के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें लोगों को घर और आसपास पानी इकट्ठा न होने देने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा, निजी अस्पतालों और लैब्स में डेंगू जांच को लेकर मनमानी फीस वसूली की शिकायतों पर सरकार ने सख्ती दिखाई है।
अब निजी अस्पताल और डायग्नोस्टिक लैब्स डेंगू के एलिसा बेस्ड एनएस1 और आईजीएम टेस्ट के लिए 600 रुपये से ज्यादा नहीं ले सकेंगे। यदि कोई संस्था इससे ज्यादा चार्ज करती है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी अस्पतालों में जांच और प्लेटलेट्स बिल्कुल फ्री
राज्य में फिलहाल 27 सरकारी लैब्स डेंगू की जांच के लिए कार्यरत हैं, जहां किसी भी मरीज से एक भी रुपये नहीं लिए जाएंगे। इसके अलावा, जिन मरीजों को डेंगू के चलते भर्ती किया जाता है, उन्हें प्लेटलेट्स भी मुफ्त में उपलब्ध करवाई जाएंगी।
यदि किसी को ज़रूरत पड़ने पर प्राइवेट अस्पताल से प्लेटलेट्स मंगवानी पड़े, तो उसका खर्च राज्य सरकार उठाएगी। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ये सभी नियम हर अस्पताल और प्रयोगशाला पर लागू होंगे। साथ ही, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया या जापानी एन्सेफलाइटिस (JE) के मामले सामने आते ही तत्काल सिविल सर्जन को सूचना देना भी अनिवार्य किया गया है।
फॉगिंग अब सिर्फ प्रभावित क्षेत्रों में, गंदगी मिलने पर जुर्माना
शहरी क्षेत्रों में मच्छरों की रोकथाम के लिए अब बेतरतीब फॉगिंग के बजाय सिर्फ उन इलाकों में फॉगिंग की जाएगी, जहां केस सामने आए हैं। इसका उद्देश्य संसाधनों का सही इस्तेमाल और ज़रूरतमंद जगहों पर ही फोकस करना है।
साथ ही, जिन दुकानों, घरों या फैक्ट्रियों में मच्छरों के पनपने लायक हालात पाए जाते हैं, वहां 200 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार का मानना है कि जागरूकता, निगरानी, फॉगिंग और सख्त कार्रवाई से ही डेंगू और मच्छरजनित बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है।